मेरे बॉयफ्रेंड ने रिस्क लिया...
मुझे याद है जब मेरा कॉलेज में पहला साल था! और स्टूडेंट्स की तरह मेरे भी कुछ अरमान थे! चुलबुली हॊने की वजह से मैं अपने ग्रुप में फेमस थी! वैसे देखने में भी कम नहीं थी! मैं गोरी चिट्टी, 5 फीट 2 इंच लम्बी, 55 किलो वजन था मेरा! एक अच्छे फिगर वाली लड़की थी, देखते ही लड़के मुझ पर फ़िदा भी हो जाते थे!

कॉलेज में मुझे कोई लड़का पसंद नहीं था! क्यूंकि सभी की छीछोरी हरकते और बात बात पर लडकियों की खिचाई करना, मुझे पसंद नहीं था! इसी वजह से मैं अपनी सहेलियों के साथ ही रहना, घूमना फिरना और इधर उधर जाना पसंद करती थी! बहुत से लड़के मुझ पर लाइन मारते थे, लेकिन मुझे उनमे कोई इंटरेस्ट नहीं था!

एक बार कॉलेज से वापस आते हुए एक बाइक वाले ने मुझे टक्कर मार दी, और मैं गिर पड़ी! बाइक वाला भाग गया, लेकिन मेरे पाँव में बहुत चोट लग गयी थी! मुझे पाँव में दर्द हो रहा था! तभी एक लड़का जो हमारे ही कॉलोनी में रहता था, मेरे पास आया! उसने मुझसे उठने को कहा, लेकिन मैं खड़ी नहीं हो पायी! उसने अपना हाथ दिया, शायद मेरे पाँव में इतना दर्द था कि, उठना मुश्किल था! उसने मुझे दोनों हाथो से अपनी गोद में उठाया और थ्री व्हीलर (ऑटो) से हॉस्पिटल ले गया! हॉस्पिटल में उसने मेरा चेकअप करवाया! मेरे पाँव का मांस अन्दर से फट गया था, जो मुझे ज्यादा तकलीफ दे रहा था!

चेकअप के बाद वो थ्री व्हीलर से मुझे मेरे घर छोड़ गया! मेरे माँ बाप ने उससे बात कि, तो पता चला कि वो घर के ही नज़दीक रहता था, और इन्टरनेट पर घर से ही काम करता था! मैंने उसे अपना मोबाइल नंबर दे दिया, और अब हम दोनों फ़ोन पर बात भी करने लगे! बातो बातो में मुझे कब वो कब अच्छा लगने लगा, पता ही नहीं चला! मुझे भी घर पर 3 हफ्ते हो चुके थे, और मेरा जख्म भरने लगा था! मैंने धीरे धीरे चलना भी शुरू कर दिया था!

वो लड़का भी मुझे रोज फ़ोन करता, और मेरे जख्म के बारे में पूछता, अब हम दोनों बाते ही करते रहते! वो लड़का मुझसे 6 साल बड़ा था! और देखने में भी अच्छी सूरत वाला था! मैं दिल ही दिल में उसे प्यार करने लगी थी! अब कभी शाम को हम दोनों मिलते और पार्क में घूमने चले जाते. हम दोनों का मेल बढ़ने लगा था! और एक दिन मैंने उस लड़के को आखिर कह ही दिया कि, तुम मुझे अच्छे लगते हो! वो मुस्कुराया और बोला तुम भी अच्छी हो! धीरे धीरे दिन बढ़ते गए, और फिर एक दिन गर्मियों के महीने में, जब मैं घर पर अकेली थी! मेरे माता पिता किसी रिश्तेदार के घर गए हुए थे! मैं इस अकेलेपन को अपने उस दोस्त के साथ बिताना चाहती थी! मेरे अंदर मुझे नहीं पता, क्या चल रहा था! बस मैं आज अपने उस दोस्त के साथ कुछ कर जाना चाहती थी! अब मैंने उस दोस्त को दिन में फ़ोन किया और घर आने को कहा!

वो 10 मिनट्स में मेरे सामने था! मैंने दरवाजा बंद किया और उसका हाथ पकड़कर अपने कमरे में ले आयी! और कहा कि, मैं तुमसे प्यार करने लगी हूँ! वो फिर मुस्कराया, लेकिन आज मुझे उसकी वो मुस्कराहट अच्छी नहीं लग रही थी और मैने उसे अपने बिस्तर पर लेटाकर उसे किस करना शुरू कर दिया! मैं उत्तेजित थी, मुझे वो अपना लगता था! धीरे धीरे हम दोनों एक दुसरे को किस करते हुए, एक दुसरे का मजा ले रहे थे! हम दोनों 2 बार मग्न हुए और अपनी प्यास बुझायी! मैं खुश थी, दिन के 4 बज चुके थे कि, अचानक दरवाजे की घंटी बजी! पता चलने पर कि, मेरे माता पिता जी वापस आ चुके हैं! और हम दोनों को अकेले घर पर देखकर, क्या कहेंगे? मैं डर गयी!

उसने मुझे ढांढस बंधाया और मेरी जीन्स और पेन्ट निकलाने को कहा! उसने फटाफट एक जीन्स को दूसरी से बांधकर, रस्सी बनाई और खिड़की से लटका कर, दुसरे माले से नीचे उतर गया! मैं उसे देखती ही रह गयी! उसका ये साहस देखकर मैं दंग थी! यह मेरे बॉयफ्रेंड का रिस्क था, जो उसने मुझे बचाने के लिए किया था! इतनी उपर से उतरना शायद हर किसी के बस की बात नहीं! उस दिन के बाद मैंने, अपने उस दोस्त का नाम रिस्की बॉयफ्रेंड रख दिया! आज भी मेरा रिस्की बॉयफ्रेंड मेरे लिये किसी भी रिस्क के लिए तैयार रहता है!


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