एक अनोखा सपना जो सच हुआ...
शायद मैं अपनी ज़िन्दगी में भाग्यशाली रही हूँ! जो सोचा था, वो मिल गया, और अब ज़िन्दगी से कोई गिला शिकवा नहीं है! लेकिन ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जिनके साथ ऐसा होता है! जो सपना मेरे मन में था ,वो एक अनोखा सपना अब सच हो चुका था, और इस सपने का अर्थ मेरे लिये, मेरे जीवन की सबसे बड़ी ख़ुशी था!

मैं अपने माँ बाप की एक ही एकलौती औलाद हूँ! जिनसे मुझे कभी कोई कमी नहीं हुई, और मैंने उनसे जो माँगा मुझे वो मिला! मुझे अपनी ज़िन्दगी में उनसे कभी कोई शिकायत भी नहीं रही! जो मिला, वो पाया! मेरी ज़िन्दगी में आज भी वो मेरे आदर्श हैं!

मेरे पास एक काला कुत्ता भी था, जो अब नहीं है और जिसका नाम कालू था, कालू बहुत ही प्यारा था और जिसे मैं बहुत प्यार करती थी! मेरा कुत्ता घर वालो का भी प्यारा और मोहल्ले वालो का दुलारा था! बहुत ही समझदार सीधा था मेरा वो प्यारा काला कुत्ता!

जब मैं 17 साल की हुई और कॉलेज में गयी, तभी मेरे नज़र एक ऐसे लड़के पर, जो मुझसे एक साल सीनियर था, पढ़ी! वो लड़का देखने में लम्बा चौड़ा, सुन्दर और इंटेलीजेंट था! मैं शायद उसे दिल ही दिल में चाहने लगी थी! अपनी एक सहेली के जरिये मैंने उस लड़के से बात करनी शुरू कि, तो पता चला उसका नाम विशेष था! मुझे विशेष अच्छा लगता था और मैंने अपने घर वालो से उसका परिचय भी करवाया, जो उन्हें भी पसंद आया! विशेष मुंबई से पढने हमारे शहर देहरादून आया था! समय मिलने पर हम दोनों कभी कभी मसूरी भी चले जाते, और खूब मस्ती करते!

अब हम दोनों धीरे धीरे एक दुसरे के करीब आने लगे, और मेरे माँ बाप को इस बात की भनक लग गयी! उन्हें शायद इससे कोई प्रॉब्लम नहीं थी क्यूंकि, उन्हें मुझ पर पूरा विश्वास था! मुझे अपने ये सपने हसीं लगने लगे, और धीरे मुझे अपने ये सपने, भी सच हॊते नज़र आने लगे थे! और अब मैं अपने ज़िन्दगी के मीठे मीठे सपने भी बुनने लगी थी!

साल ख़त्म होने पर विशेष अपने घर मुंबई छुट्टियों में एक महीने के लिए गया, और मैं अपने आप को बहुत अकेला महसूस करने लगी! मैं विशेष के ही सपनो में खोई रहती और उसके आने की राह देखती रहती! उस समय मेरा प्यारा कुत्ता कालू मेरे पास ही रहता, शायद वो मेरे अकेलेपन के अर्थ को समझ चुका था! वो उस समय हमेशा मेरे ही पास रहता, शायद विशेष की जगह इस समय वो ही मेरे दुःख दर्द का साथी था, जो मैं भी समझ चुकी थी!

एक दिन मेरी विशेष से फ़ोन पर लम्बी बात हुई, और उस दिन मैं बहुत ही खुश थी! रात को मैं विशेष के सपनो में खोई उसके ही सपने लेने की कोशिश करने लगी! और फिर उस सपने में मैंने पहले एक सांप को देखा, सांप काला था और फिर उसके बाद जैसे वो मुझे काटने के लिए मेरे पीछे आ रहा हो! मैं डर कर भाग रही थी और सांप मेरे पीछे था! कुछ दूर जाने के बाद सांप गायब हो गया और मेरी अचानक नींद खुल गयी! मेरा गला सूख चुका था, मैंने पानी पिया! मेरा कुत्ता कालू मुझे देख रहा था! उसे देखकर मुझे राहत की सास मिली और मैं फिर सो गयी!

सुबह उठी रात और रत वाले सपने पर विचार करने लगी, वो क्या था? मैंने अपनी ज़िन्दगी में इससे पहले सपने में कभी साप नहीं देखा था! क्या ये कोई दोष था या कुछ और? मैंने अपनी माँ को अपने सपने में आये साप के बारे में बताया, तो उन्होंने कहा कि, शायद तुम्हारे साथ कुछ अच्छा होने वाला है! मैं अपनी माँ की कही बात का अर्थ नहीं समझ पाई, और बात आयी गयी हो गयी!

कॉलेज भी शुरू हॊने वाले थे, और मेरा अब कॉलेज में दूसरा साल था! विशेष भी मुंबई से आने वाला था! एक दिन अचानक ही विशेष अपने माता पिता के साथ मेरे घर आ गया, वो बिना बताये आये थे! हम सब लोग हैरान थे! हम लोगो ने उनका आदर सत्कार किया! इससे पहले कि कुछ बात शुरू होती, विशेष के पिता जी ने मेरा हाथ विशेष के लिए मांग लिया! हम सभी लोग स्तब्ध रह गये, ऐसा लगा जैसे कोई चमत्कार हो गया हो!

ये क्या था? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था! लेकिन मन ही मन में मैं बहुत खुश थी! मेरे माँ बाप ने हाँ कर दी और हम दोनों की शादी 3 साल बाद हो गयी! हम दोनों आज बहुत खुश हैं! विशेष मुंबई में ही नौकरी करता है! लेकिन मैं आज भी जब अपने उस सपने के बारे में सोचती हूँ, तो वो मुझे कोई दोष नहीं उस साप का आशीर्वाद लगता है! जिसने मेरा वो एक अनोखा सपना सच कर दिया!


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