जब एक लड़के ने मुझे छुआ...
उस समय मैं 16 साल की थी, और 10th में पढ़ रही थी! हम लोगो का को-एड स्कूल था, जिसमे मेरी कॉलोनी के कुछ बच्चे भी थे! कुछ मेरे साथ 10th में भी पढ़ते थे, और आपस में हम लोगो की बाते होती रहती थी! लेकिन हम भी बच्चे, मन के सच्चे थे! दिल में कोई खोट नहीं, ना ये पता था कि, लड़के और लड़की के बीच क्या रिश्ता हो सकता है!

मेरी ही कॉलोनी का एक लड़का जो मुझसे 2 साल बड़ा था,एक और था बार 10th में फ़ैल भी हो चूका था, हमेशा मेरी और देखता रहता था! मैंने कई बार अपनी करीबी सहेली से उसके बारे में कहा तो, मेरी सहेली ने भी ली चुटकी ली और बोली कि, शायद वो लड़का तुझे प्यार करता है! मैंने अपनी सहेली को अनसुना कर दिया और अपनी पढाई में ही व्यस्त रही!

शाम को मैं कॉलोनी में अपनी सहेलियों के साथ खेलती, घूमती, मस्ती करती और गपशप मारती! वो लड़का भी अपने दोस्तों के साथ पार्क में आता और मेरी ही और देखता रहता था! वैसे मैं देखने में ज्यादा सुन्दर नहीं थी, लेकिन ठीक ठाक थी! मैं 5 फीट 4 इंच लम्बी, सावली, पतली और एथलेटिक बिल्ट की लड़की थी! पढाई में भी अच्छी थी! इसलिए पडोसी भी मुझसे खुश थे! क्यूंकि पड़ोसियों से भी मिलना जुलना रहता ही था!

अब धीरे धीरे उस लड़के ने अपने दोस्तों के जरिये हम लडकियों से बात करना शुरू किया! बात करने में मुझे वो ठीक लड़का ही लगा! और धीरे धीरे अब हम दोनों के बीच बातचीत भी शुरू ही गयी! हम दोनों अब शाम को साथ साथ घुमते और गप्पे मारते! उस लड़के की आँखों में एक नशा सा था! जिसे मैं. आज महसूस कर सकती हूँ! उस समय उम्र नादान थी!

एक शाम हम लोग पार्क में खेल रहे थे, ठंडियो का समय था और 6 बजने वाले थे! अँधेरा होने लगा था और मैं अपनी सहेलियों और लडको के साथ खेल रही थी कि, भागते भागते उस लड़के ने मुझे पीछे से पकड़ लिया और बोला की अब कभी नहीं छोडूगा! मैंने उसे मजाक में लिया, और आप अपने को झटका देकर, उससे छुड़ाकर भाग गयी! उस दिन मुझे उस लड़के की आँखों में एक प्यार दिखाई दिया, और मैं उस रात सो नहीं पाई!

अगले दिन फिर मैं शाम को अपनी सहेलियों और उन लडको के साथ खेल रही थी, लेकिन आज मुझे वो लड़का नहीं दिखाई दिया! मैं परेशान हो गयी, मैंने अपनी करीबी सहेली से उस लड़के के बारे में पुछा, तो उसने बताया कि, वो किसी काम से गया हुआ है और आ जायेगा! मैं अंदर ही अंदर परेशान थी! आज फिर शाम का 6 बजा और हम सभी खेल रहे थे, खेलते खेलते मैं पार्क के कोने में चली गयी और अचानक, किसी ने मुझे पीछे से पकड़ लिया! मैं डर गयी और जोर से चीखी, मुड़ी पीछे तो मेरे चेहरे पर एक ख़ुशी थी!

उस लड़के ने मुझे पीछे से पकड़ा था! शाम के अँधेरे का फायदा उठा कर वो मुझे एक पेड़ के पीछे ले गया, और अपने होठ मेरे होठ पर रखकर बोला कि में तुमसे प्यार करता हूँ! आज मुझे पार्क में ना देखकर मैंने तुम्हारे चेहरे के हावभाव पढ़ लिए थे! मैं शर्मा गयी! वो मुझे चूमता रहा! मुझे भी मजा आ रहा था! मैंने उस लड़के को उसकी कमर से पकड़ा! मुझे ना जाने क्या हो रहा था! आज मैं सब कुछ भूलकर उस लड़के से अलग नहीं होना चाहती थी!

उस लड़के ने मुझे उस दिन बार पहली छुआ, और मेरे अंदर सोई हुए मेरी कामुकता को उजागर किया! मैं पागल हो रही थी! वो भी शायद पागल हो चुका था! तभी मेरी सहेलियों की आवाज़ ने हम दोनों को, एक दुसरे से अलग किया, और फिर मैं अपनी सहेलियों के साथ वापस आ गयी!

इसके बाद धीरे धीरे मैं उस लड़के से मिली और हम दोनों के बीच प्यार बढ़ता चला गया! और धीरे धीरे हमारे घर वालो को भी इसका पता चल गया! हम दोनों एक दुसरे के कांटेक्ट में रहे, और 8 साल बाद जब उस लड़के की, एक प्राइवेट कंपनी में एक अच्छे पद पर नौकरी लगी, तो हम दोनों ने शादी कर ली! वो लड़का आज मेरा पति है, और हम दोनों एक सुख की ज़िन्दगी बिता रहे हैं!


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