मेरा पहला प्यार..
दोस्तों, मैं जब छब्बीस साल का हुआ और मेरी नौकरी एक आई टी कंपनी में लगी, तो मुझे रात की शिफ्ट मिली (नो से सुबह छह बजे तक). हमारी कंपनी में इन्टरनेट फ्री था, और मेरे एक साथी ने एक दिन मुझे बताया कि हम यहाँ से बैठे हुए दुनिया के किसी भी कोने में किसी से बात (आज जिसे हम चैट कहते हैं) कर सकते हैं! मुझे इन्टरनेट पर चैटिंग करने का बहुत शोंक हुआ और मैंने रात को चैटिंग करनी शुरू कर दी.

मेरा शौक इतना बढ़ गया, कि मैं रात को (अपने ऑफिस में) लगभग चार से पांच घंटे चैटिंग करता था और इससे मेरा ध्यान सिर्फ काम और चैटिंग पर ही रहता था! मुझे आज भी याद है, जब कंपनी में मुझे एक बहुत बड़े चैटर की उपाधि दी गयी, इसके साथ ही सबसे ज्यादा आउटपुट देने का भी सम्मान मिला.

अब मेरे इन्टरनेट पर इतने इंटरनेशनल दोस्त (खासकर USA) बन चुके थे की मैं उनसे रोज चैट करता था! और उनको मुझसे चैट करना पसंद था! हम एक दुसरे की संस्कृति के बारे में, विचारों के बारे मैं, रहनसहन के बारे में बात करते थे! जो एक अच्छा आदान प्रदान था! मुझे शायद भारतीयों से बात करना पसंद नहीं था क्यूंकि कई बार जब मैंने भारतीयों से बात की, या तो उन्होंने गन्दी गलियाँ दी, या बीच मैं ही छोड़ कर चले गए! जबकि वो गोरे हमेशा बताकर बाय कहकर जाते थे!

इस चैटिंग ने मुझे अपना इतना बड़ा गुलाम बना दिया की अब मैंने शनिवार और रविवार को साइबर कैफ़े में जाना शुरू कर दिया और अब मैं वहाँ दो-तीन घंटे तक चैट करता था! एक दिन जब मैं दिन में चैट कर रहा था की अचानक किसी का मुझे चैट पर इनविटेशन आया, और मैंने जब उससे उसका ऐ-एस-अल पुछा, तो उसका जवाब आया २२-फि-देल्ही उसने जब मुझसे पुछा तो मैंने भी उसे बता दिया. उसने मुझसे इन्टरनेट दोस्त बनने को कहा मैंने भी हामी भर दी! अब हुमदोनो ने शनिवार और रविवार को एक निचित समय पर चैट करना और एक दुसरे को पहचानना शुरू कर दिया! हमदोनो को इस तरह दो महीने बीत गए, तो एक दिन उसने फ़ोन पर बात करने की बात कही (उस समय हम लोगो के पास मोबाइल फ़ोन नहीं थे), तो मैंने उसे अपना लैंडलाइन नंबर दे दिया, और अब हुमदोनो का फ़ोन पर बात करने का सिलसिला शुरू हो गया! दो महीने बाद उसने अपने घर मुझसे मिलने का इरादा जताया, तो मुझे बड़ा ही अचम्भा हुआ! लेकिन मैंने भी हाँ कह दिया!

जब मैं उसके घर पहुचा मैं उसे देखता ही रह गया, वो इतनी सुन्दर थी की मैं अपने आप पर यकीन नहीं कर पा रहा था! मुझे देखकर उसने मुझे सोफे पर बैठाया, और मेरे लिये पानी लाने चली गयी! थोड़ी देर में वो मेरे लिये पानी ले कर आयी और मेरे पास बैठ गयी. कुछ बाते उसने मुझसे छुपाई थी, जैसे की वो शादीशुदा है, २ बच्चों की माँ है इत्यादि! ऐसा कुछ नहीं था! वो किसी दुसरे शहर से एक छोटा सा कोर्स करने आयी थी!

वो अकेली रहती थी, उसके माँ बाप किसी और शहर में थे! मुझे देखकर और बात करके उसे भी अच्छा लगा और जब मैं दो तीन घंटे बाद चलने लगा, तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया, और कहने लगी 'प्लीज आज मैं तुम्हारे साथ समय बिताना चाहती हूँ', मैंने भी उसके साथ बैठने का मन बना लिया!

शाम के ५ बज चुके थे, और अक्टूबर का महिना था, उसने मुझसे ड्रिंक पीने का पूछा तो मैंने हाँ में सर हिला दिया और उसने एक व्हिस्की की बोतल निकल कर २ पेग बना दिए! हम दोनों शराब पी रहे थे और बातें कर रहे थे, हमदोनो ने २ पेग्स ही लिये होंगे कि बिजली चली गयी, मौके की नजाकत देखकर उसने अपना हाथ मेरे हाथ के उपर रख दिया और धीरे से मेरे कान मैं कहा की मैं उसे बहुत पसंद हूँ! मुझे अजीब लग रहा था लेकिन शराब के सरुर ने मुझे एक शक्ति दी और मैंने उसे अपनी बाहों मैं भर लिया!

हम दोनों अब एक दुसरे को बाँहों में लेकर, अपने होंठो को एक दुसरे के होंठो पर रख कर, होठो का आनंद ले रहे थे! उस वक़्त हमदोनों अपने आप को इतना करीब समझ रहे थे की हमें कुछ और नहीं सूझा और उसने मुझे अपने कमरे का रास्ता दिखा दिया और अब हमदोनो उस बिस्तर पर एकदूसरे के बदन को महसूस कर रहे थे! उसका भी शायद यह पहली बार था, और मेरा भी, काफी मुश्किलों के बाद जब हमदोनो २ जिस्म और एक जान हुए, वो एहसास शायद ना भूलने वाला है! और शायद मेने अपनी ज़िन्दगी मैं पहली बार किसी के साथ इतना अच्छा समय गुजारा था!

एक साल के बाद वो किसी और शहर में चली गयी, और फिर उसके बार उसका कोई पता नहीं था!



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