मेरी भाभी की मामी का प्यार...
बात 2001 की है, जब मेरे बड़े भैय्या की, साली की शादी हमारे घर से हो रही थी! भैय्या और भाभी, विदेश में पोस्टेड थे, जिसके कारण वो शादी में शामिल नहीं हो सके! तो, सारी शादी की जिम्मेदारी मेरे उपर थी! जो, मैंने ठीक से निभाई।

मैं बहुत ही ओपन ख्यालात का सीधा-साधा लड़का हूँ! उस समय भैय्या के ससुराल से सभी लोग शादी में शरीक हॊने के लिये आये, मैंने सबके रहने, खाने-पीने का इंतजाम किया हुआ था! जिससे किसी को, कोई प्रॉब्लम ना हो! घर में करीब 50 लोग, 2 दिन पहले, भैय्या के ससुराल से आ गए थे! जिसमे मेरी भाभी की मामी (सबसे छोटे मामा की वाइफ) भी थी, जो मुझसे करीब 7-8 साल बड़ी थी।

मेरे खुले नेचर को देख्कर, और सबसे विनम्रता से मिलना, बात करना, उनके ज़रूरत की चीज़े जल्दी हाज़िर करना, शायद मेरी भाभी की मामी को पसंद आया! पहले दिन ही सबसे मेरा परिचय हो चूका था, और शायद मेरे खुले विचारो ने, मेरी भाभी की मामी को, मेरी और आकृषित कर दिया था! जिसका मुझे कोई अंदाज़ा ही नहीं था।

अब मेरी भाभी की मामी का, सभी के सामने, मेरे लिये, कुछ भी जैसे, स्पेशल चाय, ठंडा पानी, जबरदस्ती लेकर आना, और बार-बार मुझे छेड़ना, अजीब लगा, लेकिन शायद मैं अपने काम में व्यस्त था। इसलिए मैंने उस और ध्यान नहीं दिया!

शादी वाले दिन, शाम को फेरो से पहले, बच्चो ने घर जाने को कहा, तो मेरी भाभी की कज़िन, और उसके बच्चो को जब मैं, लेकर चलने लगा, तभी मेरी भाभी की मामी ने भी, वापस घर चलने को कहा! गाडी में जगह कम होने से, मेरी भाभी की मामी मेरे करीब, और चिपक कर बैठ गयी! उसका जिस्म बहुत गरम था, शायद वो कुछ और ही सोच रही थी।

घर पहुच कर, मेरी भाभी की कज़िन और बच्चे, दुसरे कमरे में सोने चले गये! अब मैं, और मेरी भाभी की मामी, ड्राइंग रूम में अकेले बैठे, बातें कर रहे थे! रात का 1 बज चुका था! मेरी भाभी की मामी ने, अपनी nighty निकाली, और मेरे ही सामने चेंज करने लगी! मेरे बदन में, जैसे आग लग गयी! उनके जिस्म को देखकर मन में उत्तेजना हो गयी, लेकिन मुझे अपने आप को कंट्रोल करना पड़ा!. भाभी की मामी ने मुझे इशारा किया, शायद वो, किसी और ही मूड में थी।

Nighty पहन कर, उन्हॊने मुझसे छत पर चलने को कहा, क्यूंकि रात के समय वो जानती थी कि, वहाँ कोई नहीं आयेगा! मैंने घर लॉक किया, और दोनों छत पर आ गये, दोनों एक दुसरे के साथ, दीवार पर खड़े बातें कर रहे थे! मन में हम दोनों के कुछ था कि, मेरी भाभी की मामी मेरे से चिपक कर, खड़ी हो गयी! अब मेरा हाथ, मेरी भाभी की मामी के नितम्बो पर था, और शायद वो भी यही चाहती थी।

जब मेरी भाभी की मामी से रहा नहीं गया, तो उन्हॊने मुझे गले लगा लिया, और अपने होठो से, मेरे होठो को चूसना शुरू कर दिया! मैं भाभी की मामी के वक्षो को सहला रहा था! मैंने, मेरी भाभी की मामी के शरीर को, हर जगह से चूमा! वो, मेरे साथ बहुत कुछ करना चाहती थी, लेकिन छत खुली हॊने और अब कोई और ना आ जाए, हम आगे कुछ नहीं कर पाये।

जाते-जाते मेरी भाभी की मामी मुझे, अपनी एक याद दे गयी, जो समय के साथ अब खो चुकी है!


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