मैं एक बेबस नारी...
अपने मियाजी की शराब पीने की लत, फिर मुझे बुरा भला कहना, जैसे मेरे लिए एक शाप बन गया हो! मैंने उनके लिए क्या क्या नहीं किया! पूजा पाठ, व्रत, मंदिरों में जाना लेकिन उनपर इसका कोई असर नहीं है! ऐसे में मैं अपने आप को सच में एक बेबस नारी ही कहूंगी!

मैं एक सॉफ्टवेर इंजिनियर 34 साल की शादीशुदा हूँ! मैं एक प्राइवेट कंपनी में काम करती हूँ! शरीर से भारी हूँ, लेकिन दिल तो अपना भी है ना! मुझे भी कोई प्यार करने वाला चाहिये था, जो मुझे प्यार करे, जिससे मैं बाते कर सकूं, जो मुझे हँसाए, जिसके लिए मैं अच्छा अच्छा खाना बनाकर उसे खिला सकूं! क्यूंकि मेरे मियाजी भी एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं! उनकी ड्यूटी का समय शाम 5 बजे से सुबह 6 बजे तक है! घर में घुसने से पहले मियाजी दारु लगा कर आते हैं! और फिर 8 बजे सोने चले जाते हैं! मैं उनकी इस आदत से परेशान थी!

उनकी इन्ही हरकतों के चलते, जब मैं रात को अकेली होती, तो चैट पर बैठ जाती और लडको से चैट करती! बात 6 साल पहले की है, मैं अपना जॉब ख़त्म करके घर आयी! मियाजी भी अपने ऑफिस जा चुके थे! रात को फ्री होकर मैं चैट पर बैठ गयी! उस दिन मेरी एक ऐसे लड़के से चैट हुई जिसने मेरे मोटे होने के कारन भी मुझे पसंद किया! हम दोनों धीरे धीरे रोज चैट करते, और मैं उससे चैट करने का हमेशा इंतज़ार करती! वीकेंड पर हमारी चैट नहीं हो पाती क्यूंकि मियाजी घर पर हॊते, और मैं तड़प जाती!

अब धीरे धीरे हम दोनों एक दुसरे से फ़ोन पर भी बात करने लगे! उसके बात करने का स्टाइल और हँसी मजाक मुझे अच्छा लगने लगा! वो मुझे गंदे चुटकले और हर बात पर कोई न कोई जोक बोल कर हसता! मुझे वो अब अपना सा लगने लगा था! एक बार मैं रात को करीब 11 बजे ऑफिस से आयी, और खाना खाके और नहाकर मैंने उसे फ़ोन किया! मैंने उसे वेबकैम पर आने को कहा! वो ऑनलाइन हुआ और हम दोनों ने अपना अपना वेबकैम ओन कर दिया! उस दिन शायद मैं मूड में थी, और बात करते करते उसने जब मुझसे मेरे स्तन (बूब्स) देखने की बात कही, मैंने बिना कुछ सोचे समझे उसे अपने स्तनों के दर्शन करवा दिये! उन्हें देखकर वो तो जैसे पागल हो गया! मैं तो पागल ही थी, मुझसे रहा नहीं गया और फिर हम दोनों ने वेबकैम पर अपने अपने कपडे उतारे, और एक दुसरे को वेबकैम पर वस्त्रहीन देखा!

इसके बाद अब हम दोनों खुल चुके थे! और धीरे धीरे अब मेरी चाह उस लड़के में बढ़ रही थी! फिर एक दिन मैंने उसे अपने घर आने का निमंत्रण दे दिया! वो आये और हम दोनों ने अपने जिस्म को एक दुसरे के जिस्म से ठंडा किया! उस लड़के से मेरा पहला स्पर्श मुझे आज भी याद है! मैं एक मोटी नारी हूँ, लेकिन जिस तरह से उसने मुझे शांत किया, मेरे लिए ना भुलने वाला एक लम्हा बन गया!

मेरे मिजाजी की आज भी शराब पीने की लत, घर को ना देखना, और मेरे से पैसे मांगने मुझे ऐसा लगने लगा, जैसे क्या मेरी यही ज़िन्दगी है? क्या में एक इंसान नहीं हूँ? क्या मेरी कोई ख्वाईशे नहीं हैं? तभी मैंने अपने आप को एक बेबस नारी पाया, और एक ऐसे इंसान को, जिसे मैं 6 साल पहले इन्टरनेट पर मिली थी, आज भी उसके कांटेक्ट में हूँ! हम दोनों आज भी फ़ोन पर बाते करते हैं, एक दुसरे को आदर देते हैं, प्यार करते हैं लेकिन कोई दिखावा नहीं करते! मेरी यही एक बेबसी थी जिसके कारण मुझे ये कदम उठाना पड़ा!


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