वो मुझसे बड़ी थी ...
डोस्तॊ! एक बार मुझे डेटिंग वेबसाइट पर एक ऐसी, औरत से बात करने का मौका मिला, जो काफी समय से डेटिंग वेबसाइट पर थी! वो मुझसे करीब सत्रह साल बड़ी थी! उसका एक लड़का जो बारह साल का था और वो दिमाग से ठीक नहीं था! वो किसी की तलाश कर रही थी! और उसने अपनी ज़िन्दगी में कई धॊखे खाए हुए थे।

एक दिन मैंने भी उसे एक मेसेज भेजा, जैसे की मैं एक पेढ मेम्बर था! तो उसका दो-तीन दिन के बाद जवाब आया. और हम दोनों ने चैट का टाइम फिक्स किया, फिर हमने करीब एक घंटे तक चैट करी और एक दुसरे के बारे में पूछते रहे, और जब उसे विश्वास हुआ की मैं एक अच्छे परिवार से हूँ!, तब हम दोनों ने अपने मोबाइल नंबर एक दुसरे के साथ शेयर किया, और बात करनी शुरू कर दी!

कुछ दिन बात करने के बाद, एक दिन शाम को बात करते हुए उसने मिलने को कहा, मेरा घर उसके घर से करीब बत्तीस किलोमीटर दूर था! लेकिन मैंने ना किया तो उसने मुझे कमजोर कहा! मैं जानता था कि उसका पति अधिकतर टूर पर महीनो रहता था, और उसे अपनी बीबी और बच्चे से कोई प्यार नहीं था! उसके कमजोर कहते ही मैंने उस से मिलने का कहा, अभी शाम के साढ़े सात बज रहे थे और मैं अपनी बाइक पर उससे मिलने चला गय।

करीब एक घंटे बाद जब मैं उसके घर पहुचा, तो वो बड़ी खुश हुई, देखने में वो ठीक-ठाक थी गोरी थी और करीब तिरालीस साल की थी! हमदोनो ने बात करनी शुरू की और उसने पुछा की अगर हम दोनों एक अच्छे दोस्त बन सकते हैं?, तो मैंने हाँ किया! उसने मेरे लिये चाय और स्नैक्स बनाये, अब रात का करीब सादे नौ बज चुका था! मैं अपना सोफे पर बैठा हुआ उससे बात कर रहा था, की उसने मुझसे पूछा, की टाइम बहुत हो चुका है. अगर मैं वापस जाना चाहता हूँ, या वहीं उसके घर रुकना चाहता हूँ? मैंने सुबह जाने का बोल दिया!

रात के अब करीब साढ़े दस बज रहे थे, और उसने अपने लड़के को दुसरे कमरे में टीवी के आगे बैठा दिया! और हमदोनो ड्राइंग रूम में बैठ गए! मैंने उससे शराब के लिये पूछा कि अगर उसके पास शराब है, उसने अपने पति की शराब निकल कर दे दी, तो मैंने दो पेग्स पि लिये, अब मुझे थोडा सा सरूर होना शुरू हो गया थ।

रात करीब साढ़े गयारह बजे उसने खाने को बोला और रसोई में खाना गरम करने चली गयी. मुझे अच्छा लग रहा था! तो मैं भी उसके पीछे रसोई में चला गया. उसको पीछे से देखकर मुझे उसे पकड़ने की इच्छा हो रही थिव, लेकिन एक डर अन्दर सता रहा था!

मुश्किल से तीन या चार मिनट्स ही हुए होंगे की एक जोश के साथ मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया, उसे भी बहुत अच्छा लगा और उसने बजाय अपने को छुड़ाने के वैसे ही रहना पसंद किया. मैंने उसके कान में धीरे से कहा कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है, तो उसका जवाब था की वो इस तरह के आलिंगन के लिये बहुत तड़फती है! मैंने उसे चूमना शुरू कर दिया और रसोई की बिजली बंद कर दी।

फिर उसने मुझे रोका और खाना खाने को कहा. हम दोनों ने साथ-साथ खाना खाया और अब रात के करीब बारह बज चुके थे. खाना खाने के बाद, उसे करीब दस मिनट्स लगे और दुसरे कमरे में अपने बेटे को सुला कर वो मेरे पास आ गयी! अब हम दोनों एक दुसरे को अपनी बाहों में लेकर चूम रहे थे! हम दोनों ने पहले एक साथ बाथरूम में एक दुसरे को नहलाया चूमा और मस्ती की, लेकिन अब हम और रुकना नहीं चाहते थे।

रात करीब दो बजे ना जान उसे क्या हुआ की वो मेरे उपर आ गयी, हम दोनों एक दुसरे के गरम शरीर को महसूस कर रहे थे. एक दुसरे के शरीर की गर्मी अच्छी लग रही थी, और फिर वही. की हमको तो शहीद होना ही था! और अंततः हम उसमें शहीद हो गए!


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