किस्सा पहले पहले प्यार का ...
घर के हालात ही कुछ ऐसे थे की आधा घर किराये पर देना पड़ा. और किस्मत देखो की घर को किराये पर लेने आई दो लड़कियां. दोनों बहने थी. बड़ी बहन बेहद ही खूबसूरत थी और कॉलेज में पड़ती थी. छोटी अभी स्कूल में ही थी. स्टूडेंट्स होने की वजह से हमने उन्हें जल्दी से घर किराये पर दे दिया!

मैं भी उन दिनों कॉलेज में ही पड़ता था. उस उम्र के किसे भी लड़के की तरह, मेरी भी इच्छा थी की मैं दुनिया जीत लूँ. अपने नए पडोसी को देख के बहुत ही उत्साहित था पर बात करने की कभी हिम्मत नहीं हुई. लगता था कि, कोई और लड़का था उसकी जिंदिगी में. अपने मन को बार बार यह कह के समझाता था की यार, "वो तुझ से बड़ी है और वो कहाँ और तू कहाँ ”. उसकी खूबसूरती कुछ ऐसी की बस देखते रहो.

धीरे धीरे मैं उस के कॉलेज आने-जाने का टाइम मन ही मन नोट करने लगा. कोशिश करता की मेन डोर मैं ही खोलूँ. यह सिलसला बहुत दिनों तक चलता रहा. अब तक उस ने भी नोटिस करना शुरू कर था कि मैं उसे हर रोज़ देखता हूँ पर कभी ज्यादा बात नहीं कर पाया. उस का भी इंटरेस्ट मुझ में बढ़ने लगा. कुछ समय के बाद हमारी बात ज्यादा होने लगी और मैं उस के और करीब आ गया. घंटो उस से बात होती रहती और, अब मुझे उससे उसके बॉयफ्रेंड के बारे में भी सुनना बुरा नहीं लगता था. छोटा था, पर मुझे कोई शक नहीं था की मुझे उस लड़की से बेहद प्यार हो गया है. इतना ज्यादा की आज, 15 साल के बाद भी उसके बारे में सोचता हूँ तो एक सुन्दर से अहसास में घिर जाता हूँ. दिन बीतते गए और फिर वो लहमे आये जब हम देर रात तक बात करते थे. अगस्त की एक रात, हम छत पर साथ बेठे थे. उस दिन बहुत हल्की बारिश हो रही थी और किसी कारण से वो बहुत उदास थी. लग रहा था की उसका, बॉयफ्रेंड से किसी बात पे झगडा हुआ था. मैं उस के साथ था - उस का हम-साथी बनके, उसके दुःख से दुखी. न जाने कब यह हुआ की बस वो बात करते करते रो पड़ी. उस को इस हाल में देखना मेरे लिए बहुत कठिन था. वो मेरे कंधे पर सर रख के रोने लगी. मैंने भी उसे प्यार से अपनी बाहों में ले लिया. न जाने वो कब तक रोई और कब चुप हुई....पर मैंने उसे अपनी आगोश से बहार नहीं होने दिया. अब उस का चेहरा मेरे हाथो में था और हमने एक दुसरे को किस करना शुरू कर दिया. पता नहीं कितनी देर तक मैं उसे चूमता रहा और कितनी बार कहता रहा - I really लव यू. यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा. अब मैं एक बहुत ही खूबसरत लड़की का अन-ऑफिसियल बॉयफ्रेंड था. जिंदिगी कितनी हसीन लग रही थी. चाहता था की सारी दुनिया को बताऊँ की - I am in love. पर हर बार ठहर जाता था।

हम लोग और भी करीब आ रहे थे. मेरी दुनिया में अब सिर्फ वो ही थी. मेरी ज़िन्दगी अब उस के बिना बेमानी थी. उसको पाना और उस के साथ सारी जिंदगी बिताना ही मेरा सपना बन गया था. एक दिन मेरे घर वाले शादी अटेंड करने शहर से बाहर गये. हम दोनों जानते थे की उस रात हम ज़रूर मिलेंगे. फिर रात हुइ…

देर रात को, वो चुपके-चुपके मेरे कमरे में आयी, हमेशा की तरह, मैंने उसे smooch किया और उसे बताया की आज मैंने उसको कितना मिस किया! उस वक़्त हम दोनों बिलकुल अकले थे. हम दोनों ही चाहते थे कि हम एक दुसरे में समां जाये. अब और इंतज़ार करना मुश्किल था… एक आग जो कई दिनों से जल रही थी उस को शांत करने का समय आ गया था. हम दोनों एक दुसरे की बाँहों में लिपट चुके थे. हमें अलग करना अब संभव नहीं था. वो मेरे जीवन की पहली रात थी जब मैं अपने प्यार के साथ था. हम पूरी रात नहीं सोए , बस एक दुसरे को प्यार करते रहे. ऐसा लग रहा था की रात ख़त्म हो जाएगी पर प्यार नहीं, वो अहसास, उस के कोमल होंठ और उसका सुन्दर बदन, मैं कभी नहीं भूल सकता.

उस के बाद मेरे जीवन में ऐसी कई रातें आयी, 6 महीने हम लोगो ने साथ बिताये और फिर एक दिन ऐसा भी आया कि उसे हमारा घर छोड़ कर जाना पड़ा. उस समय मुझे अहसास हुआ कि मैं क्या खो रहा हूँ. मैंने बहुत कोशिश की पर मैं उसे रोक नहीं पाया. उस के बाद हम कभी नहीं मिले…

आज, 15 साल के बाद भी, उस के साथ बिताया, हल पल मुझे ऐसे याद है जैसे कल की ही बात हो. वो दिन कभी लौट के नहीं आयेंगे … शायद मैंने ही एक कोई गलती की थी …


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