दो मिनट का मज़ा, ज़िन्दगी भर की सज़ा...
एक मेरे मित्र, जिन्होंने मेरे साथ ही पढाई की, और आज अपना खुद का ही एक अच्छा खासा बिज़नस चला रहे हैं! पढने में ठीक ठाक थे, लेकिन उनका नेटवर्क ज्यादा स्ट्रोंग था! जल्दी से दोस्त बना लेना और उनके साथ घुल मिल जाना उसकी फितरत थी! वो मेरा मित्र बडा ही, रोमांटिक, दोस्तॊ का दोस्त, यारो का यार था! दारु पीने का भी शौक था बंधू को, लेकिन रोज-रोज नहीं, कभी-कभी! और जिस दिन पी ली, उस दिन ज़नाब शेर हो जाते थे! मुझे उनका एक अनोखा वाक्या याद है!

एक बार मैं शाम के समय उसके घर गया तो, देखता हूँ ज़नाब दारु पीकर बैठे हैं! मेरे जाने पर उनकी माताजी ने मुझे कहा कि, आज ये गलीच शराब पी कर आया है! मैंने उसे डाटा, लेकिन वो जनाब तो अपनी धुन में, अपने नशे में मशगूल थे! उनपर हमारी बातो का कोई असर उस वक़्त नहीं होना था! मेरे मित्र की माताजी डरी हुई थी कि, अगर उसके पिताजी ने उसे इस हालत में देख लिया तो, पता नहीं क्या करेंगे! और उनके आने का भी समय हो रहा था!

शाम के 8:30 हो चुके थे, मेरे मित्र के पिताजी आ गये! उन्होंने उसे दारु के नशे में भाप लिया और उस पर चिल्लाने लगे! मेरा मित्र तो नशे में था, बापू ने उसे गाली दे दी 'मादर*द'! शायद मेरे मित्र को गन्दा लगा और उसने पलट कर जवाब दिया कि, मेरी माँ को तो तू 'चो*ता' है! मैं यह सुन कर हैरान रह गया, लेकिन जानता था कि, मेरा दोस्त आज अपने आप में नहीं था! मैंने उसे जबरदस्ती पकड़ा, और उसे उसके कमरे में ले गया! और उसके पिताजी (अंकल) को अपने कमरे में जाने को कहा!

अब यही मित्र मुझे 15 साल बाद मिला! अब वो शादीशुदा है और 2 बच्चो का बाप भी! मुझे देखकर बोला कि, मैं कुवारा हूँ और ज्यादा खुश हूँ! फिर उसने मुझे अपनी शादी के बारे में बताया कि, उनके पड़ोस में एक लड़की रहती थी जिसका, उनके घर आना जाना था! लड़की देखने में सुन्दर लेकिन बहनजी टाइप थी!

एक रोज वो लड़की मेरे मित्र के यहाँ आयी, घर में कोई नहीं था! और ये ज़नाब दारु पी कर घर में बैठे थे! लड़की के आते ही, मेरे मित्र ने नशे में उसे पकड़ लिया और जबरदस्ती उसका काम कर डाला! फिर जब होश आया, तब तक देर हो चुकी थी! अब लड़की भी वहीं और ये ज़नाब उसे मनाने की कोशिश करने लगे! समय काफी हो चुका था कि, मेरे मित्र के माँ बाप आ गये!

जब उन्हें इस बात का पता चला कि, उनके लड़के ने उस लड़की के साथ कुकर्म कर दिया है! उन्होंने अपना मत्था पकड़ लिया! लड़की से माफ़ी मांगी और उसके घर जाकर उनकी लड़की का हाथ अपने लड़के के लिये मांग लिया! जिसपर उन्हें कोई ऐतराज नहीं हुआ क्यूंकि वो, मेरे मित्र के खानदान से अच्छी तरह परिचित थे! आज दोनों की शादी हो चुकी है, दोनों खुश हैं! लेकिन उसका यही कहना कि, दो मिनट का मज़ा और ज़िन्दगी भर की सज़ा, शायद उसके लिये सही है!


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